Ayurveda - Safed Musli Ke Fayde
सफेद मूसली के फायदे, गुण, लाभ व नुकसान - Safed Musli Benefits and Side Effects in Hindi
कितने ही युगों से औषधीय जड़ी-बूटियाँ जन-जीवन के कल्याण के लिए प्रयुक्त की जाती रही है। सतयुग में संजीवनी बूटी ने लक्ष्मण के मूर्छित शरीर में ज़ान भर दी थी और कलयुग में असंख्य औषधियाँ कितने ही लोगों को प्राण के प्रवाह से सिंचित कर रही हैं । उन्हीं असंख्य औषधियों में से एक है-"सफेद मुसली"। सफेद मुसली का प्रयोग चिकित्सा प्रणाली में बहुत ही व्यापक है और अनेक रोगों का उपचार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। आइए जाने इसके कुछ उपयोगों को -
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https://www.myupchar.com/tips/safed-musli-benefits-and-side-effects-in-hindi/
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https://www.youtube.com/watch?v=5HAz0aziDPc
https://www.youtube.com/watch?v=Hf1bkexv5d8
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कितने ही युगों से औषधीय जड़ी-बूटियाँ जन-जीवन के कल्याण के लिए प्रयुक्त की जाती रही है। सतयुग में संजीवनी बूटी ने लक्ष्मण के मूर्छित शरीर में ज़ान भर दी थी और कलयुग में असंख्य औषधियाँ कितने ही लोगों को प्राण के प्रवाह से सिंचित कर रही हैं । उन्हीं असंख्य औषधियों में से एक है-"सफेद मुसली"। सफेद मुसली का प्रयोग चिकित्सा प्रणाली में बहुत ही व्यापक है और अनेक रोगों का उपचार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। आइए जाने इसके कुछ उपयोगों को -
सफेद मूसली के फायदे यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए - Safed musli ke fayde yaun shakti ke liye
सफेद मूसली एक प्राकृतिक कामोद्दीपक (सेक्स की इच्छा को बढ़ावा देता है) है और सेक्स ड्राइव बढ़ाने और यौन कमजोरी को दूर करने में काफी उपयोगी है। यह यौन अंगों (sexual organs) को जवान व स्वस्थ रखता है तथा अच्छे शुक्राणुओं (sperms) के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है। यह मनुष्य के शरीर को यौन शक्ति (sexual power) की धारा से प्रवाहित कर यौन अनुभव (sexual experience) को यादगार बना देता है।
(और पढ़ें - यौन-शक्ति को बढ़ाने वाले आहार और sex kaise kare)
सफेद मूसली दे यौन विकार से राहत - Safed Musli for Premature Ejaculation and Impotence in Hindi
बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार है सफेद मूसली - Safed Musli for Infertility in Hindi
बांझपन एक औरत या फिर पुरुष के लिए किसी श्राप से कम नहीं होता। सफेद मुसली प्राचीन युग से ही इस श्राप को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह बांझपन के कारणों या यौन विकारों (sexual disorders) को जड़ से मिटा देता है और गर्भ धारण में सहायता करता है।
(और पढ़ें – बांझपन का घरेलू इलाज)
सफेद मूसली के गुण गर्भावस्था के लिए - Safed Musli ke gun garbhavastha ke liye
सफेद मुसली एक प्रबल पोषक टॉनिक है और गर्भावस्था के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों को ही सेहतमंद रखता है। यह गर्भावस्था के बाद भी अत्यंत फलप्रद है और माँ को सारे खोए हुए तत्व एवं धातुओं को लौटा कर उसके शरीर को फुर्ती से भर देता है। यह स्तन के दूध के उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में भी सुधार लाता है।
सफेद मूसली का लाभ है सशक्त प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए - Safed musli ke labh immunity ke liye in Hindi
यह एक शक्तिशाली ऊर्जावर्धक है और आदिकाल से ही प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मज़बूत एवं सुदृढ़ बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग ज़्यादातर दमा के रोगी प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है।
(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायें)
सफेद मूसली का उपयोग मधुमेह के लिए - Safed musli ka upyog sugar ke liye
सफेद मुसली मधुमेह (diabetes in hindi) का भी एक प्रभावी उपचार है। यह इंसुलिन (insulin) के उत्पादन को बढ़ावा देता है और मधुमेह को नियंत्रण में रखता है। इससे मधुमेह ग्रस्त व्यक्तियों को सेक्स करने में आसानी होती है।
(और पढ़ें - क्या मधुमेह में गुड़ का सेवन करना अच्छा है?)
सफेद मूसली का फायदा है मोटापा घटाने में - Safed musli ka fayda motapa ghatane me
सफेद मूसली फालतू वसा को बाहर का रास्ता दिखता है और शरीर का मोटापा घटाने में मदद करता है।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के घरेलू उपाय)
सफेद मूसली का रपयोग करें श्वेत प्रदर रोग में - Safed musli ka prayog kare shwet pradar rog me
श्वेत प्रदर (Likoria) स्त्रियों में एक बहुत ही आम विकार है जिसमें उनकी योनि से सफेद व बदबूदार द्रव निकलता है। सफेद मूसली प्रदर से राहत दिलाने में सहायक है, चाहे वो सालों पुराना ही क्यूँ ना हो।
सफेद मूसली के नुकसान - Safed Musli ke Nuksan in Hindi
सफेद मूसली का सेवन बिलकुल सुरक्षित है और इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं है किंतु फिर भी इसके ज़्यादा प्रयोग से बचना चाहिए। इसका ज़्यादा सेवन करने से पाचन शक्ति पर असर पड़ सकता है और उससे संबंधित रोग शरीर को अपना घर बना सकते है। आमतौर पर 10-15 ग्राम सफेद मुसली का सेवन प्रतिदिन किया जा सकता है। सफेद मुसली का सेवन सफेद मुसली कॅप्सुल, सिरप, चूर्ण के रूप में भी किया जा सकता है।
सफेद मूसली असरदार औषधीय पौधों में से एक है, जिसने हजारों सालों से मानव जाति को लाभान्वित किया है। विभिन्न बीमारियों का इलाज करने और शरीर को पुनः स्वस्थ करने के लिए की जाने वाली चिकित्सा प्रणाली में सफेद मूसली का व्यापक उपयोग किया जाता है। यह औषधि बांझपन, शीघ्रपतन, वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, स्तंभन दोष, नपुंसकता और स्त्रियों के यौन रोग जैसी बीमारियों के इलाज के एक अच्छे विकल्प के रूप में कार्य करती है। यह स्त्रियों के मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में फायदेमंद साबित होती है और ल्यूकोरिया (योनि से सफेद पानी निकलना) को रोकती है। वजन और मधुमेह को नियंत्रित करने में भी सफेद मूसली प्रभावकारी साबित होती है। इस जड़ी-बूटी का उपयोग करें और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली रुपी ढाल से अपने शरीर को रोगों और संक्रमणों से सुरक्षित रखें। इच्छित प्रभाव के लिए आप इसे सफेद मूसली पाउडर, कैप्सूल और सिरप के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
सफेद मूसली खाने की विधि और तरीका - Safed musli khane ki vidhi ka tarika
सफेद मूसली खाने की खुराक हर व्यक्ति में उम्र, शरीर, मजबूती और भूख पर निर्भर करती है। अगर मूसली की मात्रा से आपकी भूख पर प्रभाव पड़ता है तो फिर उसकी खुराक लेने की मात्रा को कम कर दें।
आइये आपको बताते हैं सफेद मूसली खाने की विधि –
- बच्चों के लिए - 25 से 50 मिलीग्राम प्रति किलो वजन के अनुसार (लेकिन बच्चों को एक बार में 1 ग्राम से अधिक न दें)
- किशोर (13 -19 वर्ष) - 1.5 से 2 ग्राम सफेद मूसली का सेवन करें।
- वयस्क (19 से 60 वर्ष) - 3 से 6 ग्राम सफेद मूसली खाएं।
- वृद्धावस्था (60 वर्ष से ऊपर) - 2 से 3 ग्राम बूढ़े लोगों को सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए।
- गर्भावस्था - 1 से 2 ग्राम सफेद मूसली गर्भावस्था में महिलाओं को खानी चाहिए। (और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने के उपाय और लड़का होने के लिए उपाय से जुड़े मिथक)
- स्तनपान करा रही महिला - 1 से 2 ग्राम सफेद मूसली स्तनपान कराने वाली महिलाओं को खानी चाहिए।
- अधिकतम डोज - प्रति दिन 12 ग्राम (अलग-अलग खुराकों में)।
आप सफेद मूसली को सुबह और शाम खाना खाने के दो घंटे बाद गुनगुने दूध के साथ लें। पूरे दिन में दो बार आपको सफेद मूसली का सेवन करना है। अगर आपको इसके सेवन से भूख में कमी लगती है तो इसकी खुराक को थोड़ा कम कर दें। इसकी उतनी ही मात्रा लें जितना आपसे पच सके।
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