Ayurveda - Alasi ke Fayde


अलसी के फायदे और नुकसान - Flaxseed Benefits and Side Effects in Hindi

अलसी के फायदे और नुकसान - Flaxseed Benefits and Side Effects in Hindi
अलसी के बीज मनुष्य द्वारा खाये जाने वाले सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक हैं। आज अलसी पूरे विश्व में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसका अखरोट जैसा स्वाद और सुगंध बहुत लोगों द्वारा पसंद किया जाता है। अलसी के बीज की लोकप्रियता का कारण इसके पोषक एवं कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाले तत्व हैं। अलसी के बीज में तीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं - ओमेगा -3 फैटी एसिड, लिगनन और म्यूसिलेज। इसके अलावा, अलसी के बीज विटामिन बी 1, प्रोटीन, तांबा, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और सेलेनियम के साथ-साथ घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भी युक्त होते हैं। अलसी के बीज लस मुक्त भी होते हैं।यदि आपको गेहूं से एलर्जी है, तो अलसी के बीज आपके लिए एक मूल्यवान विकल्प हैं। अलसी बाज़ार में दो मुख्य रूप से उपलब्ध है - पीले और सुनहरे भूरे रंग में ये आसानी से साबुत, पिसे  हुए, तेल या पूरक के रूप में बाजार में उपलब्ध है।

अलसी के बीज के फायदे हृदय रोग के लिए - Flax Seeds for Heart in Hindi

अलसी के बीज के फायदे हृदय रोग के लिए - Flax Seeds for Heart in Hindi
अलसी के बीज कई हृदय-स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्वों से युक्त हैं जो आपको कई दिल की बीमारियों से दूर रख सकते हैं। यह मोनोअनसेचुरेटेड (monounsaturated) और पॉलीअनसेचुरेटेड (Polyunsaturated) वसा सहित ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर हैं जो दिल को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इसके अलावा, अलसी धमनियों में प्लाक के निर्माण (Plaque formation in arteries) को कम कर, हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद करती है। यह धमनियों में सूजन को भी कम करते हैं तथा धमनियाँ सुचारू रूप से कार्य करने लगती हैं। स्वस्थ हृदय पाने के लिए अपने दैनिक आहार में पिसे हुए अलसी बीज शामिल करें। 

अलसी के बीज का उपयोग करें रजनोवृत्ति में - Flax Seeds for Menopause in Hindi

अलसी के बीज का उपयोग करें रजनोवृत्ति में - Flax Seeds for Menopause in Hindi
2013 के एक अध्ययन में पाया गया कि अलसी के बीज रजोनिवृत्त महिलाओं (menopausal women) में रजोनिवृत्ति के उपचार में बहुत कारगर हो सकते हैं। अलसी में पाए जाने वाले लिगनन यौगिक में एस्ट्रोजेनिक गुण होते हैं जिसकी मदद से हॉट फ्लैशेस (Hot flashes), मूड में उतार-चढ़ाव और योनि का सूखापन कम हो जाता है।
मैरीलैंड के विश्वविद्यालय का सुझाव है कि एक चम्मच अलसी के बीज के पाउडर का प्रतिदिन दो या तीन बार सेवन करने से रजोनिवृत्ति के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह रजस्वला महिलाओं (menstruating women) द्वारा भी नियमित मासिक धर्म चक्र को बनाए रखने और प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

अलसी के फायदे कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए - Flax Seeds for Lowering Cholesterol in Hindi

अलसी के फायदे कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए  - Flax Seeds for Lowering Cholesterol in Hindi
अलसी का नियमित रूप से सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है। पोषण अनुसंधान में प्रकाशित 2010 के एक अध्ययन में पाया गया है कि प्रतिदिन 100 मिलीग्राम अलसी के बीजों का सेवन करने से रक्त कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। अलसी के बीज में पाए जाने वाले फ्लेवनॉइड्स (Flavonoids) कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) को घटा कर हृदय रोग के खतरे को कम करते हैं। अलसी के बीज घुलनशील फाइबर युक्त होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकने में मदद करते हैं।
बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए रोजाना 2 से 4 चम्मच पिसे हुए अलसी के बीजों का सेवन करें। 

अलसी का पाउडर है वजन कम करने में सहायक - Flax Seeds for Weight Loss in Hindi

अलसी का पाउडर है वजन कम करने में सहायक - Flax Seeds for Weight Loss in Hindi
अलसी के बीज में पाए जाने वाले तीन मुख्य तत्व - ओमेगा -3 फैटी एसिड, फाइबर और लिगनन वजन कम करने में सहायक सिद्ध होते हैं। स्वस्थ वसा और फाइबर भूख को दबाने और पेट को लंबी अवधि के लिए संतुष्ट एवं भरा रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, अलसी विटामिन बी, पोटेशियम, मैग्नीशियम और जस्ता से भी भरपूर है, जो वजन घटाने में सहायक है। 
वजन कम करने के आसान उपाय के लिए पिसे हुए अलसी के बीज का सेवन करें। इसका सेवन सूप, सलाद, शाक-सब्जी एवं दही या फिर मिक्स जूस में छिड़ककर भी कर सकते हैं।

अलसी का उपयोग करता है कैंसर के खतरे को कम - Flax Seeds for Cancer in Hindi

अलसी का उपयोग करता है कैंसर के खतरे को कम - Flax Seeds for Cancer in Hindi
अमेरिकी कैंसर अनुसंधान कर्ताओं के अध्ययन से संकेत मिलता है कि कैंसर के जोखिम को कम करने में अलसी के बीज प्रभावी है। यह साबित हुआ कि अलसी के बीज प्रोस्टेट, डिम्बग्रंथि, स्तन कैंसर और पेट के कैंसर से लड़ने में लाभकारी हैं।
अलसी के बीज में लिगनन उच्च स्तर में पाया जाता है जो हार्मोन चयापचय और ट्यूमर कोशिकाओं के प्रसार के लिए जिम्मेदार एंजाइमों को अवरुद्ध करके स्तन कैंसर से रक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, अलसी के बीज का पाउडर और अलसी का तेल अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ओमेगा -3 फैटी एसिड से लबालब हैं जो कैंसर में फायदेमंद है।
पिसे हुए अलसी के बीज का सेवन दही में डालकर कर सकते हैं। अलसी के तेल का इस्तेमाल आप खाद्य समाग्री को पकाने के लिए कर सकते हैं। 

अलसी के औषधीय गुण मधुमेह के लिए - Flaxseed for Diabetes in Hindi

अलसी के औषधीय गुण मधुमेह के लिए - Flaxseed for Diabetes in Hindi
अलसी के प्रतिदिन सेवन से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में सुधार लाया जा सकता है। विज्ञान पब्लिक लाइब्रेरी में प्रकाशित 2007 के एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग 12 हफ्तों के लिए अलसी के बीज के सप्लीमेंट का सेवन करते हैं, उनके रक्त-शर्करा के स्तर पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा, अलसी के बीजों में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के साथ-साथ प्रोटीन और फाइबर भी शामिल है जो उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में बहुत सक्षम है।
अपनी दवाइयों के साथ अलसी के बीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) या फिर कम रक्त-शर्करा के स्तर से बचने के लिए निरंतर अपने रक्त-शर्करा के स्तर की जांच भी करते रहें। 

अलसी का सेवन करे पाचन शक्ति में सुधार - Flaxseed for Digestion in Hindi

अलसी का सेवन करे पाचन शक्ति में सुधार - Flaxseed for Digestion in Hindi
अलसी के बीज में विधमान फाइबर स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए आवश्यक हैं। यह आंतों के माध्यम से भोजन को जाने में मदद करते हैं। इसके अलावा जठरांत्र (gastrointestinal) स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
अलसी के बीज और तेल दोनों ही प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करते हैं और कब्ज़ से राहत दिलाने में सहायक सिद्ध होते हैं। चूँकि यह फाइबर-युक्त हैं, इसका सेवन करने के साथ ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। 

अलसी बीज बेनिफिट्स विषाक्त पदार्थों की मुक्ति के लिए - Flax Seeds for Detox in Hindi

अलसी बीज बेनिफिट्स विषाक्त पदार्थों की मुक्ति के लिए - Flax Seeds for Detox in Hindi
अपने शरीर का डिटॉक्सिफ़िकेशन करने का मुख्य उद्देश्य विषाक्त पदार्थों, कोलेस्ट्रॉल और अन्य अपशिष्ट उत्पादों का लिवर से निष्कापित करना है। अलसी के बीजों में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर निहित हैं जो आंत्र पथ (intestinal tract) से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में बहुत प्रभावी हैं।
इसके अलावा, अलसी में आवश्यक फैटी एसिड, विशेष रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड शामिल है जो विषाक्त पदार्थों की सफाई के लिए आवश्यक और एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली बनाए रखने में सहायक है।
जब शरीर विषाक्त पदार्थों से मुक्त होता है तब थकान, कमजोरी, सूजन और रक्त-संकुलन से पीड़ित होने की संभावना कम हो जाती है।
आप डिटॉक्सिफिकेशन के लिए साबुत या फिर पिसे हुए अलसी के बीज का उपयोग कर सकते हैं। रात भर एक कप पानी में साबुत अलसी के एक चम्मच बीज भिगों दें। अगली सुबह, दोनों बीज एवं पानी का उपभोग करें। 2 सप्ताह हर रोज सेवन करें। 

अलसी के बीज का प्रयोग करें बालों की समस्याओं में - Flaxseed for Hair Growth in Hindi

अलसी के बीज का प्रयोग करें बालों की समस्याओं में - Flaxseed for Hair Growth in Hindi
अलसी के बीज ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं जो बालों के रोम को पोषित कर उन्हें मजबूत और स्वस्थ बनाते हैं। अलसी के बीज में विटामिन ई बालों की जड़ों और सिर की त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं और झड़ते हुए बालों और गंजेपन को रोकने में मदद करते हैं। यह सोरायसिस (Psoriasis) से संबंधित बालों के झड़ने में भी मदद कर सकते हैं। पिसे हुए अलसी के बीज या फिर उसके तेल को अपने दैनिक आहार में शामिल करें और बालों को स्वस्थ व मजबूत बनाएँ। घुंघराले बालों वाले व्यक्ति इसके जैल का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो अलसी के बीज को पानी में उबाल कर बनाया जाता है। 

अलसी के गुण लाए त्वचा में सुधार - Flaxseed for Skin in Hindi

अलसी के गुण लाए त्वचा में सुधार - Flaxseed for Skin in Hindi
अलसी और अलसी के तेल में समाविष्ट विटामिन बी और स्वस्थ वसा त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। अलसी के बीज सूखेपन को कम करने में सक्षम हैं और मुँहासेएक्जिमा, त्वचा एलर्जी और धूप की कालिमा जैसे त्वचा-सम्बंधित विकारों के लक्षणों में सुधार ला सकते हैं। (और पढ़ें – एक्जिमा के घरेलू उपचार)
अलसी में उत्तम एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं जो त्वचा में जलन, चकत्ते, ऊतक सूजन और लालिमा को कम करने में सहायक हैं। इसके अलावा, अलसी में ओमेगा -3 फैटी एसिड आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड और चमकदार रखने में मदद करता है। त्वचा घावों के उपचार के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुगंधित तेल (essential oil) की कुछ बूंदों के साथ अलसी का तेल मिलाकर प्राकृतिक त्वचा मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल करें। इसके अलावा, स्वस्थ त्वचा के लिए भी अपने दैनिक आहार में अलसी को शामिल करें। 

सावधान: अलसी का उपयोग कब और कौन ना करें
अलसी के नुकसान निम्न हैं -
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करा रही महिलाओं को अलसी के बीज या फिर अलसी के तेल की खुराक लेने से बचना चाहिए।
  • रक्त को पतला करने वाली दवाई का सेवन कर रहे लोगों को इसका सेवन अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही करना चाहिए क्योंकि यह रक्तस्राव के खतरे को बढ़ा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स, हाइपोथायरायडिज्म और हार्मोन के प्रति संवेदनशील स्थितियों से पीड़ित लोगों को भी अलसी के बीज का सेवन सावधानी के साथ करना चाहिए।
  • मधुमेह दवा के साथ-साथ अलसी के बीज का प्रयोग करते समय रक्त में शर्करा के स्तर की जांच करते रहें।
  • क्योंकि अलसी के बीज में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है, स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए अलसी के बीज का सेवन करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए अन्यथा यह जठरांत्र पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं।
  • अलसी के बीज का अधिक मात्रा में सेवन ना करें क्योंकि यह आंतो में रुकावट पैदा कर सकता है।
  • अलसी का अधिक मात्रा में सेवन एलर्जिक रिऐक्शन (एलर्जी की प्रतिक्रिया) का कारण भी बन सकता है।
*********************************************************************************
https://www.myupchar.com/tips/flaxseed-benefits-and-side-effects-in-hindi/

See this-
https://www.youtube.com/watch?v=D5wVGOSsZGA
https://www.youtube.com/watch?v=ZSXiS1fRr6Q

Comments

  1. What a Wonderful knowledge you have given, enjoyed reading it, excellent work, what is perfect explanation, Thank you for writing such content post. Read more at: https://nedricknews.com/health/discover-some-easy-ways-to-lose-weight

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

AYURVED - लौकी खाने और लौकी का जूस पीने के बेहतरीन फायदे – Lauki ka juice peen ke fayde aur nuksan

Ayurveda - Safed Musli Ke Fayde

Ayurveda - Har Sringar ke Fayde