AYURVEDA - GILOY

गिलोय के ओषधीय गुण ,फायदे एवं नुकसान इन हिन्दी (Ayurvedic uses, Benefits and side effects of giloy)

गिलोय भारत में पायी जाने वाली एक ओषधीय पूर्ण लता है जो की आयुर्वेद में मौजूद सबसे असरदार जड़ी बूटियो में से एक माना जाता है। गिलोय के पत्ते पान के पत्तों की तरह बिलकुल देखने में लगती है। जीसको आप अपने घर में, बाग़  – बगीचे में या फिर सड़क के किनारे पर,किसी पेड़ या दीवार पर लगा सकते है। गिलोय बहुत ही लाभकारी है इसलिए इसको आयुर्वेद में अमृता कहा जाता है। व्यक्ति के शरीर पर गिलोय का उपयोग अमृत के समान होता है। इसका प्रयोग आयुर्वेदा में है। यह वात, कफ और पित्तनाशक होती है। साथ ही इसमें एंटीबायोटिक और एंटीवायरल तत्‍व भी होते है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। ऐसा भी कहा जाता है की गिलोय जिस पेड़ के ऊपर चढ़कर फेलती है, उसके सारे गुण अपने में ले लेती है। जैसे की अगर वो नीम के पेड़ पर फैली तो, जिसे नीम गिलोय भी कहते है , इसमें नीम के सारे गुण होते है साथ ही अपने गुणों के कारण यह अधिक लाभदायक हो जाती है।
गिलोय का रस थिका और करवा रस का होता है।ये शीत वीर्य होती है व पचने पर इसका असर बहुत होता है। गिलोय  स्वाद में चरपरी, हलकी, गरम, बलदायक, ज्वर नसक,खांसी, कुष्ठ,कृमि, वमन, श्वास, बवासीर, मूत्र कृच्छ, हृदय रोग को दूर करने वाला है |


१) गिलोय के ओषधीय गुण पाचन बेहतर बनाए (Gilloy’s herbal properties improve digestion in hindi)

गिलोय आपके पेट के सभी बीमारियो से लड़ता है। १/२ ग्राम गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट के सभी रोग ठीक हो जाते है। इसके साथ अगर आप गिलोय और शतावरी को साथ में पीस कर एक गिलास पानी में मिलाकर उबाले और जब काढ़ा आधा रह जाये तो इस काढ़े को सुबह-शाम पीयें तो इसका असर लाभदायक होगा। गिलोय का रस छाछ के साथ भी लिया जा सकता है। यह उपाय बवासीर से पीड़ित व्यक्ति के लिए उपयोग kiya जा सकता है।

२) गिलोय के प्रयोग से रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए (Increase the immune system with the use of Giloy in hindi)

गिलोय में एंटी ओक्सिडेंट गुण बहुत सी मात्रा में पाये जाते है। गिलोय के सेवन से आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है , जिससे लोग जल्दी बीमार नहीं होते एवं अधिक समय तक स्वस्थ रहते है। गिलोय के रस का नियमित सेवन करने से शरीर के गुर्दे और सीना स्वस्थ रहता है। शरीर में मूत्र सम्बन्धी बीमारियो में भी गिलोय का अच्छा रिजल्ट है। गिलोय दोनों गुर्दे और शरीर से विषाक्त पढ़ार्थों को दूर कर के मुक्त कण को भी बाहर करता है। इसके अलावा बैक्टीरिया,मूत्र मार्ग में संक्रमण बीमारियो से भी लड़ता है।

३) पीलिये में उपयोगी है गिलोय (Useful in Jaundice in hindi)

गिलोय का सेवन करने से पीलिये में भी फायदा होता है। गिलोय में पाए जाने वाले तत्व jaundice को ठीक करने में रामबाण सिद्ध होते है।  गिलोय के पत्ते को कूट कर इसका काढ़ा बनाकर  और इसमें शहद मिलाकर नियमित सुबह शाम सेवन करे। छाछ के साथ गिलोय का रस मिलाकर सेवन करने से भी jaundice में जल्दी आराम मिलता है ।या इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है। या गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें।

४) खून की कमी और रक्त विकार में गिलोय के फायदे (Benefits of Gilloy in Blood Disease in hindi)

गिलोय के नियमित सेवन से शरीर मे खून की कमी को पूरा किया जा सकता है।जिनके शरीर में खून की कमी है वे गिलोय के रस के साथ शहद मिलाकर सुबह – शाम सेवन करे। खून की कमी के साथ – साथ यह नुस्खा आपके खून को भी स्वस्थ रखने में मदद करेगा।

५) डेंगू बुखार के उपचार के लिए गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy for the treatment of dengue fever in hindi)

गिलोय को एक पितनाशक औषधि कहा जाता है। ज्वर या जीर्ण ज्वर में गिलोय के पत्ते का काढ़ा बना कर लेने से बुखार से निजात मिलती है – बुखार में इस काढ़े को तीन समय तक प्रयोग कर सकते है।जिन लोगो को डेंगू ,चिकनगुनिया जैसे  बुखार हो एवं खून में प्लेटलेट्स भी कम हो रहे हो –गिलोय के कांड के साथ पपीते के पतों का रस मिलाकर काढ़ा तैयार करके नियमित सेवन करे। जल्द ही खून में प्लेटलेट्स की काउंट बढ़ेगा एवं रोग में भी आराम मिलजाएगा।

६) कैंसर में गिलोय के लाभ (Benefits of Giloy in Cancer in hindi)

गिलोय में कैंसर रोधी गुण पाया जाता है।ब्लड कैंसर के रोगी को गिलोय के रस के साथ गेंहू के ज्वारे का रस निकाल कर एक ही मात्रा में मिलाकर सेवन करने से काफी लाभ मिल्ने लगता है। दूसरे तरीके में गेंहू के ज्वारे का रस निकाल कर ,एक मात्रा में गिलोय का रस मिला ले और साथ में तुलसी के पतों को पिस कर इस रस में मिलाकर, इसका सेवनरोज करने से कैंसर के रोग में काफी असर मिलता है। यह उपाय kimotherapy से होने वाले शारीरिक नुकसानों से भी बचाता है ।

७) गिलोय रस के उपयोग त्वचा के लिए (Benefits of giloy juice for skin in hindi)

त्वचा के सभी बीमारी में गिलोय एक अच्छी औषधि है। गिलोय उम्र बढ्ने के सभी लक्षणो को कम करने में मदद करती है। चेहरे पर दाग धब्बे या किसी प्रकार फुंसी फोरे है तो गिलोय के फलों को पिस ले और इसका लेप चेहरे पर लगाए। फोड़े -फुंसियो में राहत मिलती है। गिलोय में एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते है अत: त्वचा के सभी प्रकार के इन्फेक्शन में भी गिलोय का प्रयोग किया जा सकता है।फोड़े फुंसियों के लिए गिलोय का रस एवं निम्बू का रस दोनों को समान मात्रा में मिलाकर चेहरे पर धीरे धीरे हाथों से मसाज करने से जल्द ही फोड़े एवं मुंहासे ठीक होने लगते है।

८) मोटापा कम करें गिलोय से (Reduce obesity with Giloy in hindi)

गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लेने से फायदा मिलता है। या गिलोय, आंवला,हरड़, बहेड़ा मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर इसे पकाएं और सेवन करें। इस का नियमित सेवन से मोटापा रुक जाता है।

९) गिलोय को मस्तिष्क के टॉनिक के रूप में करे सेवन (Take the giloy as a tonic of the brain in hindi)

गिलोय में adaptogenic जडी बूटी का इस्तमाल किया जा सकता है। ये मस्तिष्क तनाव और चिंता को कम करता है। यह एक उत्कृष्ट स्वस्थ टॉनिक है। जो स्मृति को बढ़ावा देता है और आपको काम पर ध्यान लगाने में सहायता प्रदान करती है। गिलोय के फूल और जड़ से तयार 5ml गिलोय के रस का नियमित रूप से सेवन करने से आप एक मस्तिष्क टॉनिक का ग्रहण कर सकती है। गिलोय को अकसर एक बुढ़ापा विरोधी जड़ी बूटी बुलाया जाता है।

१०) गिलोय रस दमा के इलाज के लिए उपयोगी है (Gilloya juice is useful for the treatment of asthma in hindi)

गिलोय अस्थमा के इलाज के लिए काफी लाभदायक है। अस्थमा से होने वाली परेशानी जैसे की छाती में जकड़न,सांस लेने दिकत,खांसी,घरघराहट आदि होती है जिसके इलाज के लिए गिलोय का प्रयोग सर्वोपरि है जो की बहुत ही आसान भी है। यह अक्सर अस्थमा के रोगी के लिए प्रयोग  में चिकत्सकों द्वारा लिया जाता है। नीम और आवला के साथ मिलाकर इसका मिश्रण और भी प्रभावशाली हो जाता है।

११) ह्रदय एवं उन्माद रोगों में फायदेमंद (Beneficial in heart and frenzy diseases in hindi)

गिलोय पागलपन रोग के साथ – साथ हृदय के लिए भी फायदेमंद होती है | गिलोय के कांड को कूट कर काढ़ा बना कर, इस काढ़े में एक चम्मच ब्राह्मी का रस मिलाकर इसका सेवन करने से हृदय को बल मिलता है एवं उन्माद दूर होकर याददास्त शक्ति में बढ़ोतरी होती है |

१२) गिलोय के लाभ से कामेछा में वृद्धि (Growth from Gilroy’s benefits in hindi)

अगर कोई व्यक्ति को लगता है की वो बिस्तर पर अच्छे नहीं है मतलब सेक्स में तो चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है, आप तुरंत गिलोय का सेवन शुरू करेगे तो इसका अवश्य फल मिलेगा। पुरुषो के लिए भी गिलोय एक वरदान के समान है क्योकि गिलोय एक कामोद्धीपक दवा है जिसकी मदद से कामेच्छा की वृद्धि होती है, यह सेक्स इच्छाशक्ति को बढाता है।

१३) आँखों के लिए गिलोय के उपयोग (Giloy’s use for eyes in hindi)

गिलोय आंखो के लिए भी एक ओषधि ही है। नेत्र विकारो में भी गिलोय के अच्छे परिणाम देखे गए है | जिनकी आँखों की दृष्टि कमजोर हो वे गिलोय का सेवन करने से सब परेशानी से निजात मिल जाता है। आँखों पर गिलोय के पतों को पिस कर लगाने से भी लाभ मिलता है |

१४) गिलोय के उपयोग गठिया में राहत (Use of Giloy relief in arthritis in hindi)

गिलोय हमारे शरीर के कई कष्ट दूर करता है जैसे दर्द जो की आज एक आम बात है। मुख्य रूप से शरीर में दर्द आज कल रहता है यह दर्द जॉइंट्स ,कमर , पेट आदि किसी भी जगह हो सकता है। अगर आपके शरीर में दर्द  हो तो गिलोय् के ३ ग्राम चूर्ण को शहद् या घी के साथ रोज सुबह और शाम सेवन करे। शरीर के वातज विकारो में आराम मिलेगा।

१५) गिलोय के उपयोग से मधुमेह में राहत (Diabetes relief using Giloy in hindi)

अगर कोई व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है तो गिलोय एक अच्छा ओषधीय है जो हिघ्पोग्लिसिमीक एजेंट के रूप में काम करता है।यह रक्तचाप और लिपिड के स्तर को कम करता है। टाइप2 के इलाज को आसान बनाता है।

१६) जलन दूर करें (Remove skin irritations with Giloy in hindi)

गिलोय में ओषधीय गुण है जो आपके पैरों में अगर जलन होती है और बहुत से नुषके अपना चुके है तो आप गिलोय का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए गिलोय के रस को नीम के पत्ते एवं आंवला के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। प्रतिदिन 2 से 3 बार इस काढ़े का सेवन करें इससे हाथ पैरों और शरीर की जलन दूर हो जाती है।

१७) कान दर्द में लाभकारी (Beneficial in ear pain in hindi)

गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है। साथ ही गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानों में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है।

१८) उल्टी होने पर गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy to reduce vomiting in hindi)

अगर आपको बैगर किसी कारण उल्टी हो रही है तो गिलोय इसमें फायदा कर सकती है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से उल्टी होना बंद हो जाती है , साथ ही इसके प्रयोग से पेट भी स्वस्थ रहता है।

गिलोय के नुकसान (Sideeffects of Giloy in hindi)

यदि आप मधुमेह के दवाई ले रहे हो तो बिना अपने चिकित्सक की सलाह के बिना गिलोय का सेवन न करे। गिलोय कब्ज और कम रक्त शर्करा की समस्या भी पैदा कर सकता है। गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओ को इसके इस्तेमाल के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। गिलोय पाँच साल की उम्र या इससे ऊपर के बच्चो के लिए सुरक्षित है। हालांकि,गिलोय की खुराक दो से अधिक या बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं दी जन चाहिए।

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